Sunday, September 2, 2012

डॉ. सरोज कुमार मिश्र

इतनी डिग्रियां सफलता की कहानी खुद ब खुद कहती हैं। शायद इसलिए वर्ष 1980 में टाटा स्टील से बतौर अप्रेंटिस करियर शुरू करने वाले डॉ. सरोज कुमार मिश्र इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय में सहायक क्षेत्रीय निदेशक के पद तक पहुंच सके हैं। वर्ष 1979 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद डॉ. मिश्रा को टाटा स्टील में अप्रेंटिस के रूप में नौकरी मिली। वर्ष 1992 में समाज शास्त्र में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त करने के बाद उन्हें टाटा स्टील में कर्मचारी शिक्षक बना दिया गया। वर्ष 2000 में डॉ. मिश्रा ने टाटा स्टील से त्यागपत्र दिया। वर्ष 2001 में उन्होंने रांची विश्वविद्यालय से 'समाज कल्याण एवं सामुदायिक विकास में टाटा स्टील का योगदान' विषय पर पीएचडी की। दिसंबर 2002 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से आयोजित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा में सफल रहे। वर्ष 2004 में झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में सफलता हासिल कर वह प्राथमिक विद्यालय में सहायक शिक्षक बने। वर्ष 2005 में उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ कर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देना शुरू किया। वर्ष 2005 में वह जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज में बीएड विभाग के अध्यक्ष बने। इसी वर्ष इग्नू के पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन हायर एजूकेशन कोर्स में सर्वाधिक अंक हासिल करने के लिए पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की ओर से उन्हें स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। वर्ष 2009 में उनकी प्रोन्नति एमएड में कर दी गई। वर्ष 2012 से वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से स्थापित गांधी स्टडी सेंटर में अध्ययनरत छात्राओं के एमफिल की कक्षा का संचालन कर रहे थे। सन 1979 से 2012 के बीच डॉ. मिश्रा ने पांच विषयों में स्पेशलाइजेशन हासिल किया। लगातार 33 साल अध्ययन करते हुए उन्होंने अलग-अलग पाठ्यक्रमों में 19 डिग्रियां हासिल की। तीन शोध प्रबंधन तथा 100 से अधिक शोध पत्र का निदेशन किया। वर्ष 2009 में विवि अनुदान आयोग की ओर से दिए गये माइनर रिसर्च प्रोजेक्ट पर कार्य किया। पांच राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में हिस्सा लिया। फरवरी 2011 में संचालित की गई इग्नू की नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल होते समय शायद उन्हें भी यह यकीन न रहा हो कि परीक्षा के एक साल बाद जारी परिणाम में वह सहायक क्षेत्रीय निदेशक बन जाएंगे। नई नियुक्ति का पत्र मिलने के बाद डॉ. मिश्रा ने शनिवार को जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज से अपना त्यागपत्र दे दिया।

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