Sunday, October 2, 2011

मोहम्मद इकबाल

मोहम्मद इकबाल भारत के महान कवियों में से एक थे।
स्वामी विवेकानंद की तरह उन्होंने भी अबाध कर्म पर बल दिया ।
उन्होंने विराग ,ध्यान और एकांतवास की निंदा की ।
इकबाल एक मानवतावादी थे ,जिन्होंने मानव कर्म को प्रमुख धर्म की स्थिति में पहुँचा दिया ।
उनके विचार में स्थिति को निष्क्रिय रूप में स्वीकार करने से बड़ा कोई पाप नही है ।
उन्होंने दूसरी दुनिया में विश्वास की प्रवृति की निंदा की ।
अपनी आरंभिक कविता में उन्होंने देशभक्ति के गीत गए है , पर बाद में वे मुस्लिम अलगाववाद का समर्थन करने लगे ।

1 comment:

दिगम्बर नासवा said...

इकबाल ने अच्छा लिखा है पर अपने लेखन को विवादित किया पाकिस्तान जा कर ..