Wednesday, March 18, 2009

हम आजाद हुए थे आधी रात को और सबेरा अभी तक नही हुआ ...

हम आजाद हुए थे आधी रात को और सबेरा अभी तक नही हुआ ...... सोचिए किसका दोष है ? हमारा , जी एकदम सही कहा ..... दूसरों पर जिम्मेदारी डालना हमारी नियति बन गई है । माना की सबसे बड़ी जिम्मेदारी हमारी सरकार की और हमारे नेताओं की बनती है , लेकिन वो पैदा कहाँ से होते है .... हमें सब पता होता है ....पर हम समझना नही चाहते .... कोई बात नही , मत समझिये ..... आगे सबेरा होगा भी नही ।

1 comment:

गर्दूं-गाफिल said...

हम आजाद हुए थे आधी रात को और सबेरा अभी तक नही हुआ ......
कॉमन मेन
आपकी सवेदन शीलता आपके चयन को प्रभावित करती है